Atal Bihari Vajpayee Quotes: आज हम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 99वीं जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मना रहे है ! वाजपेयी जी ने अपने देशवासियों पर अमिट छाप छोड़ी है। उनके शब्द आज भी हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं! चलिए उनकी प्रेरणादायक बातों को याद करें!
अटल बिहारी वाजपेयी एक प्रतिष्ठित भारतीय राजनेता थे, जिन्होंने दसवें प्रधानमंत्री के रूप में भारत की सेवा की। 25 दिसंबर, 1924 को ग्वालियर में जन्मे, वाजपेयी एक उच्च स्तरीय नेता थे जिन्होंने अपनी राजनीतिक समझ, वक्ता कौशल, और कविता के लिए जाने जाते थे। उनका प्रतिष्ठान्त मार्ग भारतीय राजनीति और समाज पर एक अमिट छाप छोड़ गया।
Atal Bihari Vajpayee
वाजपेयी का राजनीतिक सफर 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में शुरू हुआ। उन्होंने भारतीय जनसंघ के प्रमुख सदस्य बने, जो बाद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बन गई। उनकी पूरी करियर में, वाजपेयी ने विदेश मंत्री और देश के प्रधानमंत्री के रूप में कई महत्वपूर्ण पद धारण किए। उनकी पहली प्रधानमंत्री काबिलियतों वाले भारत ने पोखरण में सफल परमाणु परीक्षण को देखा, जिससे भारत को एक परमाणु शक्ति के रूप में स्थापित किया गया। उन्होंने संप्रभुता पर भारत की पोजीशन को मजबूत करने के लिए संयुक्त राज्यों के साथ करीबी संबंध बनाए रखने की कोशिश की। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार का माध्यमिक परियोजनाओं पर ध्यान देने की बजाय, इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान केंद्रित करने से भारत के भविष्य को समाजाय गया।
उसकी राजनीतिक उपलब्धियों के अलावा, वाजपेयी एक अक्षरशः वक्ता भी थे जिनके भाषण लोगों के बीच ध्वनित होते थे। उनकी क्षमता अच्छे से हिंदी में संवाद करने के लिए उन्हें हर तरह के लोगों के दिलों में बसादिया। इसके अलावा, वाजपेयी एक प्रसिद्ध कवि भी थे, और उनकी छंद उनकी भावनाओं और ज्ञान को प्रतिबिंबित करती थी।
अटल बिहारी वाजपेयी के सिद्धांत, समेवामुलक शासन और समझौते बनाने की क्षमता ने उन्हें व्यापक प्रशंसा प्राप्त करवाई। उनकी विरासत, राजनीतिक दल के सभी विचारधारा वाले राजनेताओं और नेताओं को प्रेरित करती रही है, और वह एक राजनेता के रूप में तथा समाज के सभी वर्गों के बीच बहादुर बिहारी वाजपेयी का परिचित चेहरा रहेंगे। वाजपेयी की मृत्यु 16 अगस्त, 2018 को हुई, जिससे एक युग का अंत हुआ, लेकिन भारत की प्रगति में उनके योगदान को सदैव याद और सम्मान किया जाएगा।
Atal Bihari Vajpayee: अटल बिहारी वाजपेयी जी कब कब प्रधान मंत्री बने
- 16 मई 1996 – 1 जून 1996: इस अवधि में अटल बिहारी वाजपेयी ने पहली बार प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाला, लेकिन उनकी सरकार को संसद में विश्वास प्राप्त नहीं हुआ।
- 19 मार्च 1998 – 22 मई 2004: अटल बिहारी वाजपेयी ने इस अवधि में दूसरी बार प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाला और उनकी सरकार ने पूरी कार्यकाल तक कार्यभार संभाला।
- 13 अक्टूबर 1999 – 22 मई 2004: अटल बिहारी वाजपेयी ने इस अवधि में तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला।
Atal Bihari Vajpayee: प्रसिद्ध कविताऐं
अटल बिहारी वाजपेयी की प्रसिद्ध कविता: कदम मिलकर चलना होगा: Atal Bihari Vajpayee
कदम मिलकर चलना होगा,
धरती को आगे बढ़ाना होगा।
हौसला हमारा बुलंद है,
हम सब मिल जुल कर संघर्ष करेंगे,
फिर देखो दुनिया को हिलाना होगा।
सरहदों को पार करना होगा,
दुश्मनों को डर कर राह दिखाना होगा।
ज़मीन से लेकर आसमान तक,
सबको जोड़ कर जमीन बनानी होगी।
हर कदम पर कठिनाई आएगी,
पर हिम्मत हार के सामने झुकना नहीं होगा।
कदम मिलकर चलना होगा,
धरती को आगे बढ़ाना होगा।
Atal Bihari Vajpayee: अटल बिहारी वाजपेयी की प्रसिद्ध कविता:मौत से ठन गई
ठन गई!
मौत से ठन गई!
जूझने का मेरा इरादा न था,
मोड़ पर मिलेंगे इसका वादा न था,
रास्ता रोक कर वह खड़ी हो गई,
यों लगा ज़िन्दगी से बड़ी हो गई।
मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं,
ज़िन्दगी सिलसिला, आज कल की नहीं।
मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूँ,
लौटकर आऊँगा, कूच से क्यों डरूँ?
तू दबे पाँव, चोरी-छिपे से न आ,
सामने वार कर फिर मुझे आज़मा।
मौत से बेख़बर, ज़िन्दगी का सफ़र,
शाम हर सुरमई, रात बंसी का स्वर।
बात ऐसी नहीं कि कोई ग़म ही नहीं,
दर्द अपने-पराए कुछ कम भी नहीं।
प्यार इतना परायों से मुझको मिला,
न अपनों से बाक़ी हैं कोई गिला।
हर चुनौती से दो हाथ मैंने किये,
आंधियों में जलाए हैं बुझते दिए।
आज झकझोरता तेज़ तूफ़ान है,
नाव भँवरों की बाँहों में मेहमान है।
पार पाने का क़ायम मगर हौसला,
देख तेवर तूफ़ाँ का, तेवरी तन गई।
मौत से ठन गई।
Atal Bihari Vajpayee: फेमस Quotes
- “लोकतंत्र की सफलता उस सरकार की प्रतिबद्धता पर निर्भर करती है जो सभी के लिए समान अवसर प्रदान करने के लिए है।”
- “विविधता में एकता हमारे राष्ट्र की शक्ति है।”
- “अच्छा शासन हमारे देश की प्रगति और विकास के लिए महत्वपूर्ण है।”
- “एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत समृद्ध भविष्य की कुंजी है।”
- “चलो हम सब मिलकर शांति और प्रगति की दिशा में कदम बढ़ाते हैं, और किसी को पीछे नहीं छोड़ते।”
- “शिक्षा एक मजबूत राष्ट्र की नींव है जिस पर खड़ा होता है।”
- “प्रत्येक नागरिक के समावेश और सशक्तिकरण एक समृद्ध समाज के लिए आवश्यक है।”
- “कठिन परिश्रम, सततता, और ईमानदारी सफलता के आधार हैं।”
- “संवाद और कूटनीति की शक्ति बड़ी से बड़ी विवादों का समाधान कर सकती है।”
- “युवा कल के नेता और परिवर्तन-सृष्टि हैं, और हमें उनकी क्षमता में निवेश करना चाहिए।”
- “हिंसा किसी भी चीज में योगदान नहीं देती है।”
- “निरक्षरता और निर्धनता का बड़ा गहरा संबंध है।”
- “आप मित्र बदल सकते हैं मगर पड़ोसी नहीं।”
“ये उद्धरण अटल बिहारी वाजपेयी की गहरी दृष्टि और नेतृत्व को दर्शाते हैं। उनके शब्दों के माध्यम से, उन्होंने समानता, एकता, शासन, आत्मनिर्भरता और राष्ट्रनिर्माण में शिक्षा और युवा की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। वाजपेयी के उद्धरण आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं और उनके भविष्यवाणियों को दर्शाते हैं, जो एक प्रगतिशील और समावेशी भारत की दृष्टि को दर्शाते हैं।” Atal Bihari Vajpayee
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